गुफ़्तगू
गुफ़्तगू


मैं जिस्म तू रूह
जिसे तेरी ही ज़ुस्तजू
तू परिणय सेज में होने वाली
गुदगुदाती सी गुफ़्तगू,
शर्म सी आये हाय,
हो कहाँ से शुरू।
मैं जिस्म तू रूह
जिसे तेरी ही ज़ुस्तजू
तू परिणय सेज में होने वाली
गुदगुदाती सी गुफ़्तगू,
शर्म सी आये हाय,
हो कहाँ से शुरू।