तुम्हें खुद का साथ निभाना है
तुम्हें खुद का साथ निभाना है
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मुझे सावन का नहीं पता पर बारिश ने तो आना है
बादल का साथ हो न हो, यादों ने छा, साथ निभाना है
मुझे सागर का नहीं पता पर सैलाब ने तो आना है
मौसम का साथ हो न हो, आज आँखों ने साथ निभाना है
मुझे रातों का नहीं पता पर अंधेरे ने तो छाना है
सूरज का साथ हो न हो, आज चन्दा ने साथ निभाना है
मुझे शीशे का नहीं पता पर दिल ने टूट जाना है
महफ़िल का साथ हो न हो, तुम्हें खुद का साथ निभाना है