Vineeta Joshi
Tragedy
अपने दुखों को तुम किसी से न कहो
हो सके जितना अकेले ही सहो
क्योंकि, सुनने तक ही सब साथ है
पलट कर करते अक्सर विश्वास घात है
दर्द न सह सको तो देर तलक रोते रहो
पर अपने दुखों को तुम किसी से न कहो।
या तुझे पता ह...
खोज
किसी से न कहो
तुम्हें खुद क...
इश्क़ वाली झपक...
कोई तो बात जर...
गुफ़्तगू
भ्रमजाल
तो इस भ्रम के झूठ पर थोड़ा गुरूर मैं भी करती जाऊंगी...... तो इस भ्रम के झूठ पर थोड़ा गुरूर मैं भी करती जाऊंगी......
दूर भगायेंगे हम कोरोना महामारी। दूर भगायेंगे हम कोरोना महामारी।
फोन आया, कई सालों के बाद फिर उसका फोन आया। फोन आया, कई सालों के बाद फिर उसका फोन आया।
दिल ने कहा तेरी पहली कमाई कितने काम आई। दिल ने कहा तेरी पहली कमाई कितने काम आई।
सर्व हितकारी देवाधिदेव प्रभु हरो धरतीपुत्रों के सब क्लेश। सर्व हितकारी देवाधिदेव प्रभु हरो धरतीपुत्रों के सब क्लेश।
ख्वाहिशों के फूल मुरझा रहे धीरे-धीरे दम तोड़ रहा हूँ मैं। ख्वाहिशों के फूल मुरझा रहे धीरे-धीरे दम तोड़ रहा हूँ मैं।
विश्व मे मानकता से बहुत कम है, वन माटी आओ पेड़ बचाये, साथ में बचेंगे, आदिवासी। विश्व मे मानकता से बहुत कम है, वन माटी आओ पेड़ बचाये, साथ में बचेंगे, आदिवासी।
एक रब ही है जो अनश्वर है जो तुम्हे समझते और प्यार करते हैं। एक रब ही है जो अनश्वर है जो तुम्हे समझते और प्यार करते हैं।
खुद को मेरा और मुझे खुद का हमसफर कहता रहा। खुद को मेरा और मुझे खुद का हमसफर कहता रहा।
कितना इंतजार करता हूं मैं, तेरे मधुर मिलन के लिये, कितना इंतजार करता हूं मैं, तेरे मधुर मिलन के लिये,
आधे सुख दुख की भागी पर तुमने तो पूरा दुख मेरे ही नाम कर दिया..... आधे सुख दुख की भागी पर तुमने तो पूरा दुख मेरे ही नाम कर दिया.....
जब कभी बेख्याली में ख्याल आया अनसुलझे सवालों का तूफा आया। जब कभी बेख्याली में ख्याल आया अनसुलझे सवालों का तूफा आया।
हजार रिश्ते टूटने लगे और हम खुद्से फिर से मिलने लगे। हजार रिश्ते टूटने लगे और हम खुद्से फिर से मिलने लगे।
ये सफर ऐसा सफर हैं हर तरफ है भीड़ भारी। ये सफर ऐसा सफर हैं हर तरफ है भीड़ भारी।
तुम बिल्कुल विपरीत हो जाते हो तुम बिल्कुल विपरीत हो जाते हो
मिली उसी को मान लिया क्योंकि सब की जेब यह खाली है। मिली उसी को मान लिया क्योंकि सब की जेब यह खाली है।
अपने अधिकारों को पहचान कर चुनें वो उपयुक्त सरकार। अपने अधिकारों को पहचान कर चुनें वो उपयुक्त सरकार।
ज़हरीली हवाएं अंतस तक घर कर गईं तबाह, खंडर हो गया है हर दृशय ! ज़हरीली हवाएं अंतस तक घर कर गईं तबाह, खंडर हो गया है हर दृशय !
कि उतने ही मूर्ख बने जितने समझदार थे। कि उतने ही मूर्ख बने जितने समझदार थे।
अगर पूरी नही हुई तमन्ना तो, पलभर में प्यार बदल जाते हैं। अगर पूरी नही हुई तमन्ना तो, पलभर में प्यार बदल जाते हैं।