गर्मियों के दिन
गर्मियों के दिन
विद्यालय से अवकाश,
शिशुओं के मुँख पर,
प्रसन्नतापूर्वक प्रकाश।
ननिहाल में प्रवेश,
नये मित्रों संग भेट।
कुल्फी के लिए गुज़ारिश,
छुपके से रोज़ नयी साज़िश।
मस्ती का लहराता परचम,
शैतानी का रहता नटखट जोश हरदम।
ये यादें कितना कुछ दे जाती हैं,
वे गर्मी में भी ठंडक दे जाती है।
वे सफ़र को हम पुनः कहा जी पाते हैं,
वे गर्मी के दिन सच बहुत याद आते हैं।
