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Suraj Dixit

Romance

4  

Suraj Dixit

Romance

ये याद उस अनमोल पहले प्यार की हैं

ये याद उस अनमोल पहले प्यार की हैं

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दास्ताँ दो अजनबीयो के पहले प्यार की है, 

शुरुआत अंजानो की यारी कि है, 

कॉलेज के पहले दिन से बनी कहानी की है, 

बात कुछ बरसो पुरानी सी है, 

अधूरेपन में भी पूरी कहानी की है, 

ये याद उस अनमोल पहले प्यार की है।


मित्रो द्वारा कराई गयी एक दूसरे की पहचान की है, 

दोस्ती के नाते मांगे जाने वाली मेरी किताब की है, 

लौटाते वक्त करी जाने वाली मेरी अक्षरों की तारीफ़ की है, 

पलटते वक्त कहे जाने वाले वो पहले थैंक यू की है, 

कॉलेज छुटने पर हो रहे बस के इंतजार की है, 

ये याद उस अनमोल पहले प्यार की है।


इत्तेफाक से मिली एक ही बस की सीट की है, 

तकरार थोड़ी विंडो सीट पाने के लिये की है, 

रोज एक दूसरे के साथ के लिये किये जाने वाले बहानों की है, 

ये कहानी उन पहले बेंच वाले दिवानो की है, 

दोस्ती में शुरूआत हो रहे प्रेम की है, 

ये याद उस अनमोल पहले प्यार की है।


साहस कर की गयी नंबरो की अदला-बदली की है, 

दिन और रात से बेखबर प्रेमियो के मेसेजेस की है, 

ब्लैंक टेक्स्ट में भी अंत में निचे लिखे आई लव यू की है, 

उस भोली और नादाँन ने खाली समझे उस मेसेज की है, 

डर में ही सही पर टेक्स्ट खाली नही था,

ये बताने वाले उस मीत की है, 

ये याद उस अनमोल पहले प्यार की है।


बेचैनी आने वाले जवाब के इंतज़ार की है, 

जवाब मे मिली ख़ुशी हाँ के उपहार की है, 

मस्ती भरे उन हर एक हसीन पल की है, 

प्यार की खातिर की गयी वो शरारत की है, 

स्वयं का बताकर प्रोजेक्ट पापा से निकलवायी ड्रॉइंग की है, 

ये याद उस अनमोल पहले प्यार की है।


एक दूसरे के रखें जाने वाले ख्याल की है, 

पसंद को अपना के प्रियतम के लिये पहने सादगी लीबाज़ की है, 

खुशबू सिर्फ और सिर्फ ये पहले प्यार की है, 

दो दिलों के धड़कनें से बनी एक जान की है, 

ये याद उस अनमोल पहले प्यार की है।


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