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Suraj Dixit

Abstract

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Suraj Dixit

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कोन कहता यारो जोकर नहीं रोता है

कोन कहता यारो जोकर नहीं रोता है

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दूसरों की खुशियों के लिये 

जो इस राह को चुनता हैं 

जोकर के नाम से जानती है उसे दुनिया

पर ना समझती है की उसमें भी एक दिल होता है


गमों को खुद के छुपाते हुए

झूठी हसी लिए फिरता है

हर पल अपनी कोशीश से 

हर चेहरे में मुस्कान भरता है


जोकर केवल नाम नही है

ये पेशा उसका होता है

जो कभी खुदके लिए नही

सारी दुनिया के लिए जीता है


कितनी वेदनाओं में भी आगे बढता जाता है

कितना उपहास क्यौ ना करती हो दुनिया

फिर भी जवाब मे सिर्फ मुस्कान दे कर जाता है

जोकर होकर भी वो हमसब को 

बिन बोले ही सबक सिखा जाता है


मनोरंजन पूरा हो जाने पर

ये दुनिया ही उसकी कला पे हस्ती है

 क्यौ सोचते नही है हम 

जोकर को भी अपमान की ठेस पोहोचती है

दिल उसको भी है दर्द उसको भी होता है 

कौन कहता है यारो 

जोकर नहीं रोता है ?

कौन कहता है यारो 

जोकर नहीं रोता है ?


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