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Suraj Dixit

Others

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Suraj Dixit

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परिस्थिति

परिस्थिति

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तेरे आगे झुका ज़रूर हूँ मैं, 

मगर हारा नहीं हूँ।

तेरे जाल मे फँसा ज़रूर हूँ मैं,

मगर कमजोर नहीं हूँ।


तेरे सवालों में उलझा ज़रूर हूँ मैं, 

मगर उन्हें सुलझाने से कतराता नहीं हूँ।

तेरे चुनौतियों से चिंतित ज़रूर हूँ मैं, 

मगर उन्हें हल करने का ज़ज्बा खोया नहीं हूँ।


तेरे आने से रुका ज़रूर हूँ मैं, 

मगर जीवन को जीने से रुका नहीं हूँ।

तेरे हर सितम को सह ज़रूर रहा हूँ मैं, 

मगर तेरे अंत का मकसद भूला नहीं हूँ।



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