वो भी एक समय था
वो भी एक समय था
वो भी एक समय था
जब खुली हवा में जीवन जिया जाता था,
यह भी एक समय है
जहां हीटर और ऐसी की हवा में
जीवन जिया जाता है।
वो भी एक समय था
जब बड़ों के लिए दिल में
आदर-सम्मान हुआ करता था,
यह भी एक समय है
जहां अपने मां-बाप का ध्यान रखना भी
बोझ समझा जाता है।
वो भी एक समय था
जब नारी को पूजा जाता था,
यह भी एक समय है
जहां नारी को अपने फायदे के
लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वो भी एक समय था
जहां बेटा बाप को गुरु सम्मान समझता था,
यह भी एक समय है
जहां बेटा खुद को बाप से ऊपर समझता है।
वो भी एक समय था
जब त्योहारों का शौंक हुआ करता था,
यह भी एक समय है
जहां त्यौहार बस एक दिखावा बनकर रह गया है।
वो भी एक समय था
जब सच के लिए लड़ा जाता था,
यह भी एक समय है
जब सच को सच कहने में ही इंसान डरने लगा है।
वो भी एक समय था
जब दिलों में प्यार हुआ करता था,
यह भी एक समय है
जहां प्यार के नाम पर सिर्फ तकरार ही होता है।
वो भी एक समय था
जब शाम का इंतजार किया जाता था,
यह भी एक समय है
जब सुबह से रात कब हो जाए मालूम ही नहीं पड़ता है।
वो भी एक समय था
जब संडे को फैमिली डे के तौर पर देखा जाता था,
यह भी एक समय है
जहां संडे सिर्फ स्लीपिंग डे बनकर रह गया है।
वो भी एक समय था
एक वो खुश-लम्हा समय था
एक ये भाग-दौड़ भरा समय बन चुका है।
