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Shweta Rani Dwivedi

Children Stories Tragedy Inspirational

4.8  

Shweta Rani Dwivedi

Children Stories Tragedy Inspirational

आज भी याद आते हैं दादाजी

आज भी याद आते हैं दादाजी

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आज भी याद आते हैं दादाजी,

जब कहानियों की बात हो,

बातों बातों में कैसे वे पुराणों की

कहानियां सुनाया करते थे।


आज भी याद आते हैं दादा जी, 

जब चिंतन की बात हो,

कोई सामाजिक टॉपिक देखकर से हम से

कैसे चिंतन कराया करते थे पथ भटक

जाने पर हम को कैसे रह दिखाया करते थे।


आज भी याद आते हैं दादाजी,

जब बात हंसी ठिठोली की,

बचपन में वह हमको कैसे हंसाया करते थे,

कभी-कभी तो हंसने के लिए ही

हम उनके पास जाया करते थे।


 आज भी याद आते हैं दादाजी,

जब शब्द हमारे पास कम पड़ जाया करते है अंग्रेजी हो,

हिंदी हो, संस्कृत हो और विज्ञान हो सब की

समस्या को कैसे वे मिनटों में हल कर दिया करते थे।


आज भी याद आते हैं दादाजी, जब बात नीति शिक्षा हो,

तो कैसे वे कहानी के द्वारा हमारा मार्ग प्रशस्त करते थे।

आज भी याद आते हैं दादाजी, जब हम बच्चे किसी मुसीबत में पड़ जाते हैं,

तब सोचते हैं क्या कहते दादाजी।


आज भी याद आते हैं दादाजी, वे हम बच्चों की बातें सुना करते थे,

जीवन की हर चुनौती से लड़ना वह हमें सिखाया करते थे।

आज भी याद आते हैं दादाजी, जब बात किसी महापुरुष की हो,

वे महापुरुषों की कहानियों के द्वारा जीवन के उतार-चढ़ाव हमें सिखाया करते थे।


आज भी याद आते हैं दादाजी, जब बातों हो स्वतंत्रता सेनानी की,

इन हीरो की कहानी हमें बताया करते थे।

 आज भी याद आते हैं दादाजी, जब तबीयत हमारी खराब हो,

वह दवाइयों के साथ हमें काढ़े में पिलाया करते थे।


आज भी याद आते हैं दादाजी, जब हम अपने आप को अकेला पाते हैं,

हम सारे ही बच्चे उन्हें कभी भूल नहीं पाते हैं।

आज भी याद आते हैं दादाजी, जब बात सामान्य ज्ञान की हो,

वे कैसे बातों ही बातों में हमें बहुत सा ज्ञान देते थे।


आज भी याद आते हैं दादाजी, जब परिवार जोड़ने की बात हो,

वे हमेशा हमको एकजुटता की बात सिखाते थे।

आज भी याद आते हैं दादाजी, जब बात अपने सम्मान की हो,

सम्मान से कैसे जीना है, वे हमें सिखाया करते थे।


आज भी याद आते हैं दादाजी, जब बात हो सही न्याय की हो

तब वह कैसे हमारे पथ प्रदर्शक बन जाते थे।

आज भी याद आते हैं दादाजी, जब किसी मुसीबत में हम

अकेले पड़ जाते हैं, उनकी सीखो ने हमें बहुत कुछ सिखाया है,


जीवन में उतार-चढ़ाव तो आएंगे पर जीवन

कैसे जीना है उन्होंने हमें सिखाया है।

आज भी याद आते हैं दादाजी, क्योंकि उनकी दी गई शिक्षा

हम बच्चे भूल नहीं पाते हैं, हमेशा याद करते हैं उनको,

और वे हमारे पथ प्रदर्शक बन जाते हैं।


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