सुबह
सुबह
प्रकृति की अनुपम घटाएं
सुंदर पुलकित हो
मन प्रसन्न कर जाएं।
सुंदर-सुंदर काले बादल
घनघोर सावन लाएं।
उन सावन की बौछारओं में
मन झूमे गीत गाए।
सूरज की तेज दिव्य किरणें
बादलों के बीच लुक छुप जाएं।
दूर गगन तक फैली
विशाल पर्वत मालाएं
लहराते पेड़ों और
फसलों के बीच
जैसे सुर में गीत गाए।
सुबह-सुबह लालिमा लिए
सूरज कि वह किरणें
मन को प्रफुल्लित किया जाए।
पंछियों की चहचहाहट से
सारा सामा जैसे गीत गाए।
पर्वतमाला के बीच से निकलता सूरज
ऐसा लगता मानो जैसे शुभता का संदेश सुनाएं।
सुंदर सवेरा नई प्रकाश की तरह
इंद्रधनुष सा मन में सकारात्मकता की छाप छोड़ जाए।
रात के अंधियारे के बाद
सूरज की किरणें रोशनी का संदेश सुनाएं।
खुद जागे और औरों को जगाए
ताकि इस उमंग को दूसरे भी महसूस कर पाए।