गुरु
गुरु
भवसागर भी पार हो जाए,
यदि जीवन में सही गुरु मिल जाए,
अज्ञान भी मिट जाए,
जब गुरु ज्ञान ज्ञान का मार्ग दिखाए,
जीवन के कुरुक्षेत्र में जब मन
अर्जुन सा व्याकुल हों जाए,
मुझे कृष्ण सा गुरु मिल जाए,
व्यक्ति जब अंदर से टूट जाए,
गुरु धीरज रखना सिखाए,
बड़े बड़े काव्य ग्रन्थ रच जाए,
गुरु जब अक्षर, वाक्य का ज्ञान समझाए,
मन मोह मुक्त भी ही जाए,
गुरु जब बंधन का अर्थ समझाए,
टूटी नाव से भी किनारा मिल ही जाए,
गुरु जब केवट बन जाए,
मोती हार ना हीरा भाए,
गुरु जब इनका मोल बताये,
हार में भी जीत मिल जाए,
गुरु जब हार से सीखना सिखाए,
जब ज्ञान का प्रकाश जीवन में आए,
ईश्वर अपनी आत्मा में ही मिल जाए,
गुरु का कार्य भी सफल हो जाए,
यदि सही शिष्य मिल जाए।