गरीबों की ज़िंदगी
गरीबों की ज़िंदगी
जिसके पास न रहने के लिए घर,
बस है एक झोपड़ी का सहारा,
न खाने के लिए खाना,
न पीने के लिए पानी,
पर वह कर लेता है अपना गुज़ारा।
इस दुनिया में अनेक गरीब है,
पर सब अलग-अलग हैं,
कुछ अपने आप को कोसते हैं,
तो कुछ गरीबी मैं भी खुश हो लेते हैं।
गरीब लोग जब भीख माँगते हैं,
तो कुछ कर देते हैं उनकी मदद,
तो कुछ उन्हें ऐसे ही छोड़ देते हैं,
क्योंकि हो सकता है कि
वे नहीं चाहते होंगे,
उनकी ज़िंदगी में आये फर्क।
