गुरु
गुरु
जिन्होने हमें सही राह दिखाई,
और सही कदमों पर
चलने की राह है बताई,
वह है हमारे गुरु।
हमारी माँ का दूसरा स्वरूप है,
जिनका दिल
हमारी माँ की तरह नेक है,
बह इस दुनिया में एक न है।
जो हमें पढ़ाते, लिखाते
और सिखाते हैं,
वे है हमारे गुरु।
जिनकी सारी बातें हम
बाँधकर रख़ते हैं,
क्योंकि अगर काम पड़ जाय तो
उन्हें इस्तेमाल कर लेते हैं।
हर एक सीख हमें
उन्होनें ही दी है,
हर एक राह पर चलने की
नसीहत उनसे ही मिली है।
