गर भूले तो तुझे कैसे भूले ?
गर भूले तो तुझे कैसे भूले ?
जीना सिख लिया सबके बिना
ना सिख पाया जीना माँ के बिना
अपने और गैर क्या ,
धोखा देना जैसे सबका हक बन गया ।।
बस कुछ खास को छोड़ के....
अब तक ईश्वर ने साथ दिया मेरे,
विश्वास है कि साथ देंगे आखिरी सांस तक ।।
कब तक रूठूँगी भला मैं तुमसे,
ग़म की झोली को जो हरा भरा रखा तूने ।।
एक तुम जो ग़म में याद आते हो,
वर्ना ख़ुशी में कौन तुम्हें याद करे ?
तेरी कृपा जिस पर रहे
ग़म की बारिश उस पर ही ज्यादा होये ।।
अब याद कैसे तू ना आये ?
हे मेरे ईश्वर, गर भूले तो तुझे कैसे भूले ???