नैनों की भाषा
नैनों की भाषा
नैन कह देते हैं नैन सुन लेते हैं, नैन हंस देते हैं नैन रो देते हैं
नैनों की भाषा कैसे नैन पढ़ लेते हैं? नैन मनुहार करें, नैन ही वार करें
किसी कोरे से दिल पर नैन लिख देते हैं, नैन प्रियतम के बोलें नैनों में डोरे डोलें
नैन आली के देखो भेद सब दिल के खोलें, नैन रस भर लाते हैं नैनों में दरिया डोलें
नैनों की भाषा पढ़ले नैनों से दिल में उतर ले नैन नैनों से कहते मुझे नैनों में भर ले
नैनों में नैना डाले बैठे रहें मतवाले नैन ही चोरी करते नैन ही चोरी पकड़ें
नैनों से नैन मिलें तो शर्म आ जाती है नैन नैनों पे झुकें तो शाम ढल जाती है
नैनों से गीत झरे हैं नैन कविता भी करें हैं नैनों में मोती बनके नमकीन आंसू रहते
नैनों से झर जाये ंतो दरिया कभी न बनते नैनों की भाषा चंचल, नैन तकते हैं अविरल
नैनों की है ये कहानी नैन ही समझें हरपल
नैन ठग लेते हैं, नैन डस लेते हैं नैना हठीले हैं नैना कटीले हैं
नैनों की दुविधा है इनकी आवाज नहीं है बोलते रहते हरपल फिर भी कोई साज़ नहीं है
नैनों में गंगा है नैनों में जमुना है नैन पुष्पों की बगिया नैन अंबुज की क्यारी
नैन मतवाले हैं नैन रखवाले हैं क्या कहूं नैना मेरे ख्वाबों का जरिया हैं।
नैन ये सजे रहें नैन ये बने रहें ध्यान नैनों का रखना कमल से खिले रहें
नैन कह देते हैं नैन सुन लेते हैं, नैन हंस देते हैं नैन रो देते हैं।