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Madhuri Jaiswal

Inspirational

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Madhuri Jaiswal

Inspirational

गंभीर बनो

गंभीर बनो

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अधीर नहीं गंभीर बनो,

लक्ष्य का सीधा तीर बनो।

सतत संघर्ष है जीवन में,

हरदम प्रयत्नशील बनो।


कभी न आए निराशा मन में,

आशा का ऐसा जगमग दीप बनो।

शत्रु भी न चाहकर भी भरे आह,

ह्रदय भेदी ऐसा तुम शूल बनो।


मानवता ही हो धर्म तुम्हारा,

इंसान ऐसा दरियादिल बनो।

आत्मसम्मान का कभी न करना सौदा,

स्वाभिमान की ऐसी तुम मिसाल बनो।


अहंकार की विषबेल न बनना,

फल लदे वृक्ष की झुकी लचकती डाल बनो।

आलोचना के पत्थर से न कभी विचलित होना,

सफलता की ऐसी अभेद्य चट्टान बनो।


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