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Madhuri Jaiswal

Inspirational

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Madhuri Jaiswal

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भूजल संरक्षण

भूजल संरक्षण

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आओ वृक्ष लगाएं हैं,

धरा को सजाएं हम।

रुठी वर्षा फिर आएगी,

वसुधा को नहलाएगी।


प्यास सबकी बुझाएगी,

भू की गोद हरी कर जाएगी।

नदी, तालाब भर जाएगा,

बढ़ जाएगा भूजल स्तर।


बहने न पाए ये बूंद अमृत की इधर उधर,

नहीं तो जीवन जीना होगा दूभर।

घर - घर चलाओ जन आन्दोलन,

सोख्ता, टैंक, तालाब बनवाओ,

आने वाले कल को जीने योग्य बनाओ।


पेड़, बारिश और भूजल,

जुड़े हुए हैं एक दूजे से पल पल। 

अब भी चेतना न आई तो,

बड़ा भीषण प्रतिफल होगा। 


न होगा पेड़,न बरखा न जल होगा,

सोचो फिर क्या जिंदा हमारा कल होगा ? 

सोचिएगा अवश्य।


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