गलत क़ियास
गलत क़ियास
देने को कुछ नहीं है पास मेरे,
समझेगा नहीं वो एहसास मेरे,
ऐतबार रिश्तों पर कैसे होता,
कर गए गैर खासम-ख़ास मेरे,
परिंदे से करें अब शिकवा क्या,
ले उड़ा है वो होशो-हवास मेरे,
कोशिश मेरी तो दुरुस्त ही थी,
सब गलत निकले क़ियास मेरे,
सलाहियत मेरी नुमाया ना है,
कमज़र्फ थे गौहर-शनास मेरे,
सकूं ना दे सकी किस्सा-गोई,
पूछें हैं जो रुदादे-इफ़्लास मेरे,
'दक्ष' हूरों का दूल्हा ना लगे,
तभी नहीं बदले लिबास मेरे,
क़ियास = अनुमान ; सलाहियत = क्षमता /प्रतिभा ; कमज़र्फ = मूढ़ /निकम्मा ;
गौहर-शनास = खूबियों के पारखी ; किस्सा-गोई = कहानी बाँचना ;
रुदादे-इफ़्लास = बदहाली का विवरण