गज़ल
गज़ल
जिंदगी लुटा दी हमने तुम पर
और प्यार की कीमत क्या होगी
फना हुए चाहत में तेरी
और यार की कीमत क्या होगी
बरसें पतझड़ में बादल बनके
और बहार की कीमत क्या होगी
है बसर अब भी तेरी यादों में
और एतबार की कीमत क्या होगी
उम्र गुजरी इक आस में
और इंतजार की कीमत क्या होगी
जिंदगी लुटा दी हमने उस पर
और प्यार की कीमत क्या होगी