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Rajani Ranjan

Tragedy

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Rajani Ranjan

Tragedy

गीत

गीत

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दूर हुए सब रिश्ते नाते किसकी राहें देखूं मैं 

बंधन सारे टूट गये अब क्या त्यौहार मनाऊं मैं ।।


मिली बधाई अनगिनत पर स्नेह का सावन ना आया

तरह-तरह के कार्ड इमोजी खूब हमें भरमाया।

रीत हमारी कहाँ खो गई कैसे आस जगाऊं मै।।

बंधन सारे टूट गये अब क्या त्यौहार मनाऊं मैं ।।


एकसमय था मीलों पैदल चलकर जश्न मनाते थे

रूखी-सूखी खाकर भी खूब आनंद मनाते थे

गुड की स्वाद मिठाई जैसे आज कहाँ से लाऊं मैं ।।

बंधन सारे टूट गये अब क्या त्यौहार मनाऊं मैं ।।


दूर-दूर के रिश्ते नाते भी अपने ही होते थे

जिनकी बहन नहीं होती, हम उनकी बहन भी होते थे

आज नेह के वह पल का एहसास कहाँ से लाऊं मैं 

बंधन सारे टूट गये अब , क्या त्यौहार मनाऊं मैं ।।


नेह हमारा डिजिटल हो गया, समय हमारे पास नहीं 

में बँट गया है सबकुछ, रिश्तों का एहसास नही

गलती किससे कैसे हो गई , कहाँ से दिन वो लाऊं मैं

बंधन सारे टूट गये अब क्या त्यौहार मनाऊं मैं ।।


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