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Rajani Ranjan

Abstract

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Rajani Ranjan

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जोगीरा

जोगीरा

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ढोल मंजीरा बजा रहे सब, फागुन गाये जोर।

नर नारी सब मगन नाचते , जैसे कोई मोर।।

जोगीरा सा रा रा रा

मौका हाथ लगा जैसे ही, पकड़ा उनका हाथ।

डंडा जब भौजी ले दौड़ी, सबने ठोका माथ।।

जोगीरा सा रा रा रा

भाँग सभी ने पी नहीं किन्तु , हैं सारे मदमस्त ।

दादा की हरकत से दादी , होती बहुत ही त्रस्त ।।

जोगीरा सा रा रा रा

गाल गुलाबी देख के सखी, प्रियतम गये लुभाय।

रंग अबीर भरे मुट्ठी में, अनगिन स्वप्न सजाय।।

जोगीरा सा रा रा रा

हाल बेहाल हैं साहब का, पत्नी निरखै ध्यान।

हेमामालिनी क्या करे अब, संग कब रहा म्यान।।

जोगीरा सा रा रा रा


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