गीत(freedom)
गीत(freedom)
एक रहे हैं एक रहेंगे, मधुरिम गीत सुनाता है ।
आजादी का अमिय महोत्सव, अपना वतन मनाता है।।
मोदी जी के पंच प्राण से, अब होगा सपना पूरा ।
प्राण दिए जो हिंदुस्तानी, जिनका था स्वप्न अधूरा।।
पहला है विकसित भारत का, आगे कदम बढ़ाता है।
आजादी का अमिय महोत्सव,अपना वतन मनाता है ।।
प्राण दूसरा मुक्त रखो उर, नहीं गुलामी मन में हो ।
रहे दास्तां जब तक ज़िंदा, खुशी कहाँ फिर तन में हो ।।
सहयोगों से ऊपर उठकर, मानक नवल बनाता है ।
आजादी का अमिय महोत्सव, अपना वतन मनाता है।।
गर्व विरासत पर उर करना,जीत एकजुटता होती ।
देना कर्तव्यों को गुरुता, मान-नेह ज्योति सँजोती।।
जय आगे के कुछ वर्षों का, जन को स्वप्न दिखाता है ।
आजादी का अमिय महोत्सव, अपना वतन मनाता है।।