STORYMIRROR

Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

3  

Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

" मन की उड़ान "

" मन की उड़ान "

1 min
11.7K

हम दूर गगन में उड़ जाते हैं, कभी अरुणांचल हो आते हैं !

झट से कश्मीर की घाटी का, हम विचरण कर आ जाते हैं !!


आँखों से हिमाचल हटता नहीं, मौन पड़ा कुछ कहता नहीं !

काँगड़ा ने हमको मोह लिया,सपनों में भी कुछ कहता नहीं !!


लखनऊ को भला भूले कैसे ? अदब सिखाया हमको ऐसे !

सरजमीं उसकी याद आती है, फिर उसको हम देखें कैसे ?


झांसी की फिर याद आ गयी, अंगों में फिर प्राण आ गया !

रानी को हम नमन किये, ध्यानचंद जी का नाम लिया !!


पहुँच गए हम पुणे क्षण में, यादें हमारी खिल सी गयी !

लेजिम डांस वहां का सुन्दर, गणपति पूजा फिर होने लगी !!


मन तो बड़ा चंचल होता है, कभी यहाँ रहे कभी वहां रहे !

सुने में जब कुछ नहीं मिलता, तब मन अपनी कोई बात कहे !!


अरुणांचल से आसाम करीब, मन को हम ना रोक सके !

पहले दूर देश जा के हम तो, राह में हमको ना टोक सके !!


यह मन जाने ना कोई जान सके, मन की उड़ान ना पहचान सके !

कभी उड़ जाये कभी उछल जाये,कहना किसी की ना मान सके !!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational