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निशान्त मिश्र

Inspirational

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निशान्त मिश्र

Inspirational

हर हाल में, चलना सीखो!!

हर हाल में, चलना सीखो!!

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हर हाल में चलना है, तो चलना सीखो

ताप संग जीना है, तो जलना सीखो

यूं ही बनते नहीं, नदियों से समंदर, यारों

कुछ कम ही सही, धूप में, गलना सीखो


कुछ तपिश तो रखो, खुद को बचाने के लिए

भीगे हुए, तन को, सुखाने के लिए

क्या पता, कब, आन पड़े, बारिश की झड़ी

कुछ लकड़ियां तो रखो, आग जलाने के लिए


कि, किसके सहारे, जलाया है, ये दिया तुमने

कौन यहां है, तुमको, जगाने के लिए

बुझ रहे हो, तो, एक चिंगारी बन के बुझो

याद रखो, नहीं कोई, तुमको, सुलाने के लिए


है आग, गर सीने में, तो जला कर रखो

कोयला मिल ही जाएगा, जलाने के लिए

क्या पता, तुम जाओ, कि जाएं, हम पहले

सवाल क्या था, दुनिया को बताए रखो!!



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