STORYMIRROR

कवि गुप्ता

Inspirational

3  

कवि गुप्ता

Inspirational

नारी की पीड़ा

नारी की पीड़ा

1 min
11.8K

मानवता अब बची नहींं है पत्थर के इंसानों की,

बहन यहीं तुम रुक जाओ वहाँ फौज खड़ी हैवानो की ।

गली गली नुक्कड़ पर देखो आंखे फाड़ खड़े है वो,

हैवानियत का जाल बिछा मानवता को गाड़ रहे है वो।

वैसे तो बहनो से वो राखी भी बँधवाते है,

सड़को पर लड़की दिख जाए उसको माल बुलाते है ।

मर्द मर्द चिल्लाते हो पर मर्द तो तुममे बचा नहीं,

राम तो तुममे था ही नहीं रावण भी तुममे बचा नहीं।

वक्त बदलना है बहनों लाज शर्म से दूर हटो,

रूप है तुममे काली का दुस्टों का संहार करो ।

नारी हो तुम शक्ति स्वरूपा बिल्कुल ना घबराओगी,

स्वयं की लाज बचाने को तुम दुस्टों से लड़ जाओगी।

कब तक जियोगी डर डर कर तुम दरिंदो के प्रहार से,

नारी हो तुम दुर्गारूपी लड़ती हो हजार से।

मानवता को हैवानो ने शर्मसार कर डाला है,

नवजात बच्चियों को ना छोड़ा उनको भी मार डाला है ।

बहनो से मेरा सिर्फ एक बात का कहना है,

तुमको जिंदा रहना है और दुस्टों से तुमको लड़ना है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational