घुटन
घुटन
हर पल हर छिन
हर दिन हर रात
हर राह हर मोड़
एक चिंता-सी
रहती है
अब इधर से
आग जलेगी
सब धुआँ-धुआँ
हो जाएगा
अब इधर
उद्योग शुरू
होंगे और
मेरा जीवन
निरा-सा हो जाएगा
इस विषाक्त वायु में
जीवन दूभर
हो जाएगा
मरणोपरांत भी
श्वास मेरा
थर्राएगा
न तो मानवता
सुधरी है और
न ही कोई
इसे सुधार पाएगा
सबका जीवन
घुटन भरा है
और घुटन भरा
रह जाएगा॥
