STORYMIRROR

V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

4  

V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

गहन तम की करो विदाई

गहन तम की करो विदाई

1 min
400

चहूँ दिशि सुंदर सुंदर दीप जलाओ,

गहनतम अँधियारे को दूर भगाओ !


लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति लाओ,

पूजाघर में संग उनको बिठाओ !


अब कार्तिक मास अमावस आयी,

 चारों ऒर दीवाली ने धूम मचाई !


घर बाहर की जमकर करो सफ़ाई,

परिश्रम की कोई चोरी ना करो भाई !


फल मेवा लावा मिष्ठान भी लाओ,

भगवान को बड़े प्रेम से भोग लगाओ !


सकल सृष्टि को करो सुवासित,

नूतन आशा और भरो आलोकित !


अपने पर्यावरण को ध्यान में रखना,

प्रकृति को ना प्रदूषित उसको करना !


बम और पटाखे बिल्कुल मत लाना,

अनार,फुलझड़ी,मोमबत्ती चलाना !


पाँच दिनों का यह खास पर्व होता,

जो धनतेरस के दिन से शुरू होता !


चौदस के बाद फिर दीवाली का दिन,

भाईदूज के बाद ही समाप्त हो जाता !


बड़ा सुहाना त्यौहार है ये दिवाली,

सबको उल्लासित हर्षित करने वाली !


 जीवन में नूतन आशा यह भर देती,

 मन का आँगन भी रोशन कर देती !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics