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Supriya Devkar

Action

4  

Supriya Devkar

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घमंड

घमंड

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फूल को पता है 

एक दिन हे मुरझाना 

पर तब तक क्यू इन पलों को

 रोते हुए गुजारना 


मुस्कुराकर खुशिया मनाओ 

पलोंको हसते गुजारो 

फिर ना मिलेंगे सुनहरे पल 

अपने जीवन को सवारो 


घमंड छोड़ो रहन-सहन का 

असलियत मे जीना सिखो 

जीवन के नये रंगों को 

जरा नये नजरिये से देखो।


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