ग़ज़ल
ग़ज़ल
आये वो जिंदगी में मेरा करार लेकर,
आमद हुई है उनकी रंगे बहार लेकर।
कितना बदल गया है मेरे जहाँ का आलम,
डोली सजाने आये हैं जैसे कहार लेकर।
छाई हुई है हरसू रौनक नई फिजा की,
हस्ती सजाने आई चाहत निखार लेकर।
दिल में हमारे जज्बा तारी हुआ खुशी का,
सांसों में भरने आई खुशबू खुमार लेकर।
रस्मे वफा निभाके हस्ती संवार दो अब,
आये है पास तेरे दिल बेकरार लेकर।
तबीयत बहल रही हे वस्ले उमीद करके,
आया खुशी का मौका वस्ले यार लेकर।
किस्मत से आज देखो रोशन समा मिला है,
जायेगा जिंदगी से मासूम गुबार लेकर।।