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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"आखरी तमन्ना"

"आखरी तमन्ना"

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मेरी तो केवल एक ही आखरी तमन्ना है।

इस माटी के लिए ही मुझे जीना-मरना है।।

कुछ कर जाऊं मेरी इस मातृभूमि के लिए।

मुझे मातृभूमि के लिए दीप जैसा जलना है।।

भारत से मिटाने के लिए भ्रष्टाचार राक्षस।

आज फिर से एक नया इंकलाब करना है।।

अपने लहूं को एक ऐसा तेजाब करना है।

इससे मातृभूमि गद्दारों को साफ करना है।।

आज अपनी नसों में ऐसा बारूद भरना है।

आज शत्रुओं को छूने मात्र से नष्ट करना है।।

जो भी डाले मेरी भारत मां पर बुरी नजर।

उन आंखों को निकालकर, मुझे फेंकना है।।

मेरी तो केवल एक ही आखरी तमन्ना है।

भारत माँ तेरे दूध का कर्ज अदा करना है।।

बिलों में छिपे हुए गद्दारों को खत्म करना है।

देश के जयचंदों का अब फन कुचलना है।।

भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु के जैसे आज।

देशभक्ति के आसमां को मुझको छूना है।।

रामप्रसाद, अशफाकउल्ला की दोस्ती के उस।

भाईचारे को देश में फिर से जिंदा करना है।।

मेरी तो केवल एक ही आखरी तमन्ना है।

फौजी बनकर, अंत में तिरंगे में लिपटना है।।

कोई स्वप्न में गर भारत मां का अपमान करें।

उस शत्रु को तो मुझे नींदों में खत्म करना है।।



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