गाँव का परिवेश
गाँव का परिवेश
हर गांव की एक खासियत
करते हैं वह बड़ों का आदर
नीव समझते घर की उनको
सदा मान और ध्यान उनका हैं रखते...!
छांव में अपने बड़ों की पनपते
हिम्मत जीवन में उनसे ही पाते
सलाह मशवरा या हो कोई अड़चन
हर समस्या के निवारण के वास्ते
अपने बड़ों की तरफ ही ताकते.....!
बुजुर्ग वहां का मुखिया कहलाता
मुश्किल डगर में गिरने से बचाता
बड़ों से लेकर बच्चों तक का
हर पल मार्गदर्शन करवात
सदा ऊंचाई के सपने दिखलाता....!
उसके जीवन में हो कितनी भी कठिनाई
समक्ष हो अपनों के कभी ना आने देता
बचा के रखता दर्द अपने को
होठों पर बस खुशियां ही विखेरता
हर किसी के काम वो आता
इसीलिए वो सबके हित का बारिस बन जाता...!
