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Anita Sudhir

Abstract

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Anita Sudhir

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गांधारी

गांधारी

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काश आँखों पर पट्टी न बाँधी होती 

अपनी आँखों से तुम्हें दुनिया दिखाई होती

पति धर्म निभाने का फैसला लेना गलत हुआ

पुत्र प्रेम में अंधे न हो, सही राह दिखाई होती।


भाई-भाई, सगे-संबंधियों में कटुता न छायी होती

सुई की नोंक बराबर जमीन के लिए युद्ध न होता

एक गलत परिपाटी की शुरूआत न होती 

काश तुम्हारी आॅंखें बन जाते हम 

अपनी आँखों से तुमको दुनिया दिखाई होती।


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