गांधारी
गांधारी
काश आँखों पर पट्टी न बाँधी होती
अपनी आँखों से तुम्हें दुनिया दिखाई होती
पति धर्म निभाने का फैसला लेना गलत हुआ
पुत्र प्रेम में अंधे न हो, सही राह दिखाई होती।
भाई-भाई, सगे-संबंधियों में कटुता न छायी होती
सुई की नोंक बराबर जमीन के लिए युद्ध न होता
एक गलत परिपाटी की शुरूआत न होती
काश तुम्हारी आॅंखें बन जाते हम
अपनी आँखों से तुमको दुनिया दिखाई होती।
