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Md Faizan Raza Adil

Romance

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Md Faizan Raza Adil

Romance

एकतरफा मोहब्बत

एकतरफा मोहब्बत

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आँखों की बात है, आँखों में रहने दो।

 कुछ देर ही सही, आँखों को कहने दो।


के ख्वाबों में ही मेरा हक है उस पे।

जहां में न सही, कुछ देर हमें ख्वाबों में रहने दो। 


माना के उसके जज्बातों से वाक़िफ़ हूं मैं, और एकतरफा है सफर मेरा। 

जज्बातों में न सही उसकी बातों में रहने दो। 


कुछ देर ही सही आँखों में रहने दो।


 खबर ना पूछो, मुझे खुद कि खबर नहीं।

 उसके ख्यालों से सुकूँ है मुझे,

 मुझे इन्हीं हालातों में रहने दो।


 कुछ देर ही सही, उसकी बातें में रहने दो। 


लकीरों में कहीं तो शामिल हूं उसके, कहीं तो है ज़िक्र मेरा। 

उसकी बांहों में न सही, उसके हाथों में रहने दो।


 कुछ देर ही सही, उसकी बातों में रहने दो। 


के सवेरा है उसके आगे, 

और अँधेरा उसकी याद में, 

मुझे इन्हीं रातों में रहने दो। 


कुछ देर ही सही उसकी बातों में रहने दो।


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