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Md Faizan Raza Adil

Romance

3  

Md Faizan Raza Adil

Romance

बेकुसूर

बेकुसूर

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इश्क की बात है तो, 

आँखों से खतायें की है मैंने भी, 

जो जुबाँ की बात आए तो हम बेकुसूर नज़र आते हैं। 


हाले दिल बताने में थोड़े मजबूर नजर आते हैं।

और जो तुम्हारी बात हो मेरे सहर में,

मेरे अक्स वहाँ जुरूर नज़र आते हैं।


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