एक सदा दी हमने उस नाम की
एक सदा दी हमने उस नाम की
आज वो ना होकर भी मेरे पास था
कोई साथ चल रहा था ये आभास था
एक सदा दी हमने उसके नाम की
क्योंकि वो लागए बैठा एक आस था
अब उनकी एक झलक भी कर देती है फना
ग़लतफ़हमी में रखो हमे ये इश्क़ का एहसास था
इस दिल को ख़ुद ब ख़ुद जला कर
उस चेहरे को रोशन करने का प्रयास था
यूं ही न जाने कितने मजनू हुए खार और बर्बाद
लगता है लैला का आना ही उसका निकास था
उसे भी यही का मरीज़ बनना था अभिषेक
आज चारागर उसकी रुखसती पे उदास था