एक पागल
एक पागल
एक पागल
बैठा है सड़क किनारे
जाने क्या सोचता
रहता है
कभी कभी
बेसबब बीनता है
सड़क पर फेंके गए
कबाड़
पुराने रूमाल
यूज की हुई पेंसिलें
घिसी हुई लफड़े
और
रद्दी कागज
यही उसका खजाना है
पोटली में
जिसे छूने नहीं देता
किसी को
जब भी निकलता हूं
उस सड़क से
देखता हूं उसे
चमकीले बोलेरो की
हाफ ओपन खिड़की से
मुझे मुंह चिढ़ाता सा
लगता है
वह पागल
शायद
वह दुनिया का सबसे
बदनुमा चेहरा है
इंसानियत को
मुंह चिढ़ाता हुआ।