एक नया सवेरा
एक नया सवेरा
बीती रात कमल दल फूले,
उनको देख चिड़िया चहके
हुआ है एक नया सवेरा
जिसमें उम्मीदें हैं अपार।
पर इस प्रदूषण के आगे जाने
क्यूं हैं सब बेकार,
प्रदूषण से है सब कुछ अस्त व्यस्त सा
हे मनुष्य हमें भी है जीने का हक सा।
घुटता है दम अब हमारा
हर जगह जो है अधिकार तुम्हारा
जंगल काटकर घर बनाते जा रहे हो,
और हमें इस घर से बेघर कर,
प्रदूषण में छोड़े जा रहे हो
बीती रात कमल दल फूले
उनको देख चिड़िया चहके।
