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Neerja Sharma

Tragedy

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Neerja Sharma

Tragedy

एक मरीज़ की बेबसी

एक मरीज़ की बेबसी

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मेरा एक दोस्त

अचानक फोन आया

बीमार हूँ, अस्पताल जाना है

जल्दी आ जाओ।

कुछ पूछता इससे पहले

फोन कट गया।


जल्दी से पैसे रखे

आटो पकड़ा

पहुँचा उसके पास।

चेहरा उसका बता रहा था

वह दर्द सह नहीं पा रहा था ।


पास के प्राइवेट हास्पिटल में पँहुचे

चेकअप से पहले 5000/- झटक लिए।

डा.ने आकर की फिर जाँच

कई बीमारियों की शंका जता

दे दिया पर्चा कई टैस्टों के नाम ।


दर्द कम हो , दो इंजैक्शन लगा दिये

जल्दी टैस्ट रिपोर्ट लाने को कह गये।

मरते क्या न करते

सब टैस्ट करवाये

5000/- का और चूना लगा आये।


इंजैक्शन से भी न आया आराम

दर्द था कि न रूकने का ले रहा था नाम।

मैने पूछा रात को क्या खाया था ?

पता चला जनाब ने .....

पार्टी में मुफ्त का माल उड़ाया था।


सोचा डाक्टर को कह दूँ

कोई गंभीर रोग नहीं

अपच लगता है।

पर नीम हकीम खतरा ऐ जान

सोच डर लगा


फिर गाँव में दादी की बात याद आई

जल्दी से कैमिस्ट दुकान की दौड़ लगाई,

वापिस आया तो उसे परेशान पाया

कमरे में चक्कर लगाते पाया

दर्द से पेट पकड़े पाया।


जल्दी से पानी में दवा मिलायी

राम का नाम लेकर

एक ही घूँट में उसे पिलायी,

दवा का असर देखने था

रिपोर्ट मिलने में अभी काफी वक्त था।


 तभी दोस्त टाॅयलट में दौड़ा

मैने भी प्रभु को हाथ जोड़ा ,

जब वह बाहर आया

हल्के से मुस्कुराया

दवाई ने कमाल दिखाया।


मेरे कुछ पूछने से पहले बोला

चल यार यहाँ से भागे 

मैने कहा ,

ठहरो रिपोर्ट तो ले लें

नहीं ,बाद में देखेंगे।


अगर रूके तो बिल बढ़ जायेगा

पूरा महीना फाका करायेगा,

मैने मुस्कुराते हुए कहा

फ्री का माल जितना उड़ाओगे

कभी न कभी भुगतान भी कराओगे।


इतने ध्यान से पढ़ने का शुक्रिया

मंद मंद मुस्कुराने का शुक्रिया

धत्त कहने का शुक्रिया।


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