एक मै एक तू
एक मै एक तू
एक साईकिल के दो पहिये एक मै, एक तू
कभी रुठे कभी मनाये, कभी एक दूसरे को गैर जिम्मेदार ठहराये
फिर भी एक दूजे बिन चल न पाये, एक मै, एक तू
एक घडी की दो सुईयां, एक मै, एक तू,
कभी मिलते, कभी बिछडते, कभी एक दूसरे से खफा रहते
फिर भी हर मुश्किल मे साथ निभाते, एक मै, एक तू,
ना तेरे बिन मेरा गुजारा, ना मेरे बिन तेरा कोई सहारा
फिर भी बात बात मे लडते झगडते एक मै, एक तू
है एक दूसरे से बिल्कुल जूदा,
फिर भी एक दूजे बिन अधूरे, एक मै, एक तू

