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Kanchan Hitesh jain

Romance

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Kanchan Hitesh jain

Romance

दिल ढूंढता है वो लम्हे

दिल ढूंढता है वो लम्हे

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दिल ढूंढता है आज भी वो लम्हे

जब तेरी बाहों मे सिमटकर

 हम सारे दर्द भूल जाते थे।


दिल ढूंढता है आज भी वो लम्हे

जब घंटों मेरे इतंजार मे

तुम पलकें बिछाये बैठते थे।


दिल ढूंढता है वो सुकून के पल

जब तेरे हाथो मे मेरा हाथ

और घंटों बतियाते थे।


दिल ढूंढता है आज भी वो दिल

जो मेरी धड़कन संग धड़कता

मेरे गम को अपना कहता था।


दिल ढूंढता है आज भी तुझे सनम

ख्वाबों के समंदर मे,

दिल ढूंढता है,कि तू आ जाये

और सिमट जाऊँ मै तेरी बाहों में।



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