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Surendra kumar singh

Romance

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Surendra kumar singh

Romance

एक कदम और

एक कदम और

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एक और कदम तुम्हारी ओर

ख्वाहिश कह लो

महत्वकांक्षा कह लो

कामना कह लो

लक्ष्य कह लो

मन्जिल कह लो

एक और कदम तुम्हारी ओर

खुद के साथ।

समेटे हुये तुम्हारे

नकारात्मक सम्मोहन का सारा संसार।

एक कदम आओ

न तुम भी मेरी ओर।


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