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Siddharth Tripathi

Inspirational Others

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Siddharth Tripathi

Inspirational Others

एक गलत गूंज थी वो

एक गलत गूंज थी वो

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हाँ मैं उस दिन चीखा था तुम पर,

एक गलत गूंज थी वो, मैं चाहता नहीं था।

एक दिन जब नकार दिया उस मौके को,

एक गलत गूंज थी वो, मैं चाहता नहीं था।


उल्झा था किसी गिरह को सुलझाने में,

बेमतलब सी वो, कुछ अजीब सी,

किसी को शौक ना था मुझे समझाने में,

सुलझाया ख़ुद ही, ना लगी फिर भी वो कुछ ठीक सी।


हल कर के भी सुकून ना मिला, तब लगा

एक गलत गूंज थी वो, मैं चाहता नहीं था।।


जब खु़द पर गुस्सा आया पर निकाल ना सका,

जो सुनने वाला था वो तो जा चुका था,

अब ख़ुद से लड़ने को हथियार न था,

मैं निहत्था था और तैयार न था।


पर जब उस दिन मैं खड़ा हुआ तब लगा,

एक गलत गूंज थी वो.. मैं चाहता नहीं था।


अब लगता है कि मजबूरी थी,

कोई इंतिख़ाब ना था,

कुछ तो सीखा होगा उस दौर से भी,

जो ना चाहा देख लिया कर के,


अब मौका ढ़ूँढ ले इस दौर में भी,

कुछ ना हुआ तो भी लड़ना तो काम है,

अगर हुआ तो साबित होगा,

एक गलत गूंज थी वो, मैं चाहता नहीं था।




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