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Siddharth Tripathi

Abstract

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Siddharth Tripathi

Abstract

अनिश्चितता

अनिश्चितता

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शिथिल पड़ा संसार यहाँ,

जो एक विषाणु फैला है,

विश्व विषाद है बन गया ये,

हर ओर एक अनिश्चितता है।


अनिश्चितता है भविष्य की,

अनिश्चितता है आजीविकाओं की,

स्थिर खड़ा है संसार यहाँ,

अनिश्चितता है योजनाओं की।


मन में एक अंतर्द्वंद्व,

अनिश्चितता है आकांक्षाओं की,

ठहरा है पलायन यहाँ,

अनिश्चितता है इच्छाओं की।


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