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Siddharth Tripathi

Inspirational

4.0  

Siddharth Tripathi

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वो एक मोड़ है जहाँ से हम सब को गुज़रना है

किसी को वहीं रुकना है, किसी को सीधा तो

किसी को उस मोड़ पर मुड़ना है।


मंज़िल तो तीनों में अलग अलग होगी।

एक में घर, एक में हवेली, तो एक में नशेमन की होगी।

पर तन्ज़ होगा ये कि हर कोई पहुँच कर सोचेगा

कि शायद दूसरी या तीसरी राह इससे बेहतर होगी।


उस उलझन से बचना बस मेरा मकसद है

पहुँच कहीं भी जाऊँ वो बेहतर लगे ये मेरा मकसद है।।



*नशेमन- nest

तन्ज़ - irony*



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