एक बुरा सपना
एक बुरा सपना
क्या भुला दूं उसको एक बुरे सपने की तरह,
क्या सच में हमारे बीच सब खत्म हो गया राख की तरह,।।
संजो कर रखी उसकी हर याद किसी हीरे की तरह,
किया था इश्क हमने इबादत की तरह,
उस बुरे सपने ने सब बदल दिया,
हम दोनों की जिंदगी को एक अजीब से मोड़ पर ला खड़ा कर दिया,।।
क्या भुला दूं उसको एक बुरे सपने की तरह,
क्या सच में हमारे बीच सब खत्म हो गया राख की तरह,।।
सब कहते है वक्त हर ज़ख्म भर देगा,
हमे क्या खबर थी वक्त हमारा ज़ख्म और गहरा कर देगा,
क्यूं राहें बेगानी हो गई,
क्यूं उस बुरे सपने ने सारी रात ही काली कर दी,
मेरी जिंदगी में एक अजीब सी कालिख भर दी,।।
क्या भुला दूं उसको एक बुरे सपने की तरह,
क्या सच में हमारे बीच सब खत्म हो गया राख की तरह,।।
एक आशियाना हमने भी सजाया था,
हवा के झोंको ने उसकी हर ईट को बिखेर दिया था,
उस बुरे सपने ने आंखो को उम्र भर का गम दिया,
क्यूं खुदा ने तेरी मेरी राहों को जुदा कर दिया,।।
क्या भुला दूं उसको एक बुरे सपने की तरह,
क्या सच में हमारे बीच सब खत्म हो गया राख की तरह,।।
आज कल पहले जैसा कुछ नही लगता,
कोई स्वाद कोई दर्द महसूस नहीं होता,
काश वो बुरा सपना मै जिंदगी से मिटा सकती,
मिलती कोई कलम जिससे तुझे मैं अपनी किस्मत में लिख सकती,।।