एहसासों में जिंदा रहना चाहता हूं
एहसासों में जिंदा रहना चाहता हूं
मैं तुझसे दूर नहीं था कभी फिर भी,
एहसासों में जिंदा रहना चाहता हूं।
मैं तेरे ही आसमा में बेखौफ,
आजाद परिंदा रहना चाहता हूं।
तू कहे न कहे कभी कोई बात फिर भी,
तेरी बातों का वो हिस्सा रहना चाहता हूं।
भुला सके ना तू कभी भी जिसे,
वो यादगार किस्सा रहना चाहता हूं।
मैं तुझसे दूर नहीं था कभी फिर भी,
एहसासों में जिंदा रहना चाहता हूं।
तेरे यादों की धुंध मुझे हर बार घेर लेती है,
मैं उन अनमोल यादों में फरिश्ता रहना चाहता हूं।
जो बसा दे तेरे जहां को फिर से एक बार,
मै वो रंगीन गुलिस्तां रहना चाहता हूं।
मैं तुझसे दूर नहीं था कभी फिर भी,
एहसासों में जिंदा रहना चाहता हूं।