उधारी की ज़मीन
उधारी की ज़मीन
उधारी की ज़मीन पे ये जो मैंने घर बनाया है
करी है बहुत मेहनत के मंदिर सा सजाया है
उधारी की ज़मीन पे ये जो मैंने घर बनाया है
के चलते है बहुत रास्ते नया रास्ता बनाया है
हर रास्ते को यूं मैंने सपनों से सजाया है
उधारी की जमीन पे ये जो मैंने घर बनाया है
हर दीवार पे जिसकी एक अरमान टांगा है
बड़ी मेहनत से यूं मैंने हर अरमान पाला है
उधारी की ज़मीन पे ये जो मैंने घर बनाया है
कभी टूटा कभी बिखरा कभी बेरंग हो बैठा
मेरी मुस्कान का जिसमें हर एक रंग सजाया है
उधारी की ज़मीन पे ये को मैंने घर बनाया है
हकीकत है नहीं मालूम जो कीमत बोल जाते हो
अपने हुनर से इसे मैंने अनमोल बनाया है
उधारी की ज़मीन पे ये जो मैंने घर बनाया है
