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Rooh Lost_Soul

Romance

3  

Rooh Lost_Soul

Romance

ए ज़िन्दगी !!

ए ज़िन्दगी !!

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माना सब कुछ तुम्हारा दिया है ,

जैसा चाहती हो वैसा ही करती हूँ

कभी शिकायत नहीं करती कि

मैं ही क्यूँ?


मगर अब कुछ पल तो मुझे

मेरे लिए दे दो।

बाँहें खोलकर एक बार तो

बंद आंखों से , गुज़रती

हवा को अपने गालों पर

हौले से महसूस तो करने दो ।


ए ज़िन्दगी!!

सुना है तू बहुत खूबसूरत है,

मुझे भी तो अब तुम्हारे

इश्क़-ए-सुकूँ में पड़ने दो ।

बस एक बार तो मुझे भी

वो अनछुई सी कशिश में

तुम्हारी, फ़ना हो जाने दो।


ए ज़िन्दगी !!!

सब कुछ तेरा ही है, बस

अब मुझे तेरा हो जाने दो ,

खुलकर वो तेरी बाहों में

मुझे भी अब, कुछ पल

सुकूँ से मुस्कुराने तो दो ।।


ए ज़िन्दगी !!!

अब बस यूँ ही, अपने होने के

एहसास में मुझे डूब जाने दो ।।।


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