दूल्हे का घोड़ा...
दूल्हे का घोड़ा...
ढोल और नगाड़े, बजने लगे थे यारो,
थिरकने लगी थीं, खुशियों से दिशा चारों,
गूंजने लगीं जब, शहनाईयां फिज़ां में,
बड़ा तन के बैठा दूल्हा- घोड़े की पीठ पर,
खुशियों से फूला फूला- घोड़े की पीठ पर,
चिलमची दुनिया का, बेताज शहंशाह है,
दूल्हे सा बंदा परवर, दुनिया में अब कहां है,
झूले ख़ुशी से झूला , घोड़े की पीठ पर,
खुशियों से फूला फूला- घोड़े की पीठ पर,
फूल बदन गुड़िया को, डोली बिठा लाया,
दुनिया की नेमतों का, गट्ठर विदा में पाया,
फूला हुआ बबूला - घोड़े की पीठ पर,
खुशियों से फूला फूला- घोड़े की पीठ पर,
तन के अलाप रागों से, जब वो प्यारा जागा,
खिंचने लगीं टांगें, जब कह के पापा पापा,
गुसिया रहा था मूला - घोड़े की पीठ पर,
बड़ा तन के बैठा दूल्हा- घोड़े की पीठ पर,
बेलनास्त्र लेकर जब, बीबी आ चिल्लाई,
फ़ुरसत नहीं मिली क्या, जो सब्जी नहीं आई,
लंहडे को मैं संभालूं, तुम काम क्या करते हो,
कपड़ों का गट्ठा हूला- घोड़े की पीठ पर,
बड़ा तन के बैठा दूल्हा- घोड़े की पीठ पर,
खुशियों का साबुन, घिसे जा रहा था,
मन मौजी घर में, पिसे जा रहा था,
गट्ठर ख़ुशी का भूला - घोड़े की पीठ पर,
बड़ा तन के बैठा दूल्हा- घोड़े की पीठ पर।
