STORYMIRROR

Saini Nileshkumar

Tragedy

3  

Saini Nileshkumar

Tragedy

दर्मियान

दर्मियान

1 min
247

बातों से ज्यादा किसी की

ख़ामोशी चुभती है।


तेरी दिल्लगी से ज्यादा

तेरी खुदगर्जी ने मुझे मारा।


तेरी आँख में डूबने से पहले

तेरे लफ्जों ने मुझे तोड़ दिया।


प्यार तो नहीं था तुझसे

पर कुछ तो था

तेरे-मेरे दरमियां का सिलसिला।


करती हूँ दुआ

पर फिर भी

बद्दुआ ही निकली दिल से।


है आज सिलसिला

तेरे-मेरे दरमियां

नफ़रतों का सिलसिला।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy